आसमान छू रहे है प्याज के भाव, जाने क्यों बढ़ रहे है भाव। महाराष्ट्र में इन दिनों प्याज की कीमत रोज़ एक नया रिकॉर्ड बना रही है. निर्यात बंद होने के बाद भी दाम बढ़ने का सिलसिला जारी है. दरअसल, आवक में भारी गिरावट आने की वजह से ये हालात बने हैं. 11 जून को कल्याण मंडी में सिर्फ 3 क्विंटल प्याज ही बिक्री के लिए पहुंचा था, जिसके चलते न्यूनतम भाव ने भी रिकॉर्ड बना दिया. न्यूनतम भाव 2800 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया, जो मौजूदा रबी प्याज सीजन में सबसे ज्यादा है. वहीं अधिकतम भाव 3400 रुपये और औसत भाव 3100 रुपये प्रति क्विंटल रहा. कई मंडियों में आवक बहुत कम हो गई है, किसानों ने बेहतर दाम पाने के लिए प्याज का भंडार कर लिया है. कम उत्पादन के अनुमान के चलते उन्हें कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है.
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बता दें कि महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है, जिसका कुल उत्पादन में 43 फीसदी का हिस्सा है. लिहाजा यहां की मंडियों में भाव बढ़ने का असर पूरे देश पर पड़ सकता है. गौरतलब है कि एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के नाशिक जिले के लासलगांव गांव में स्थित है. राज्य के किसानों को पिछले 15 दिनों से सही दाम मिलना शुरू हुआ है, उससे पहले भाव काफी कम चल रहे थे, क्योंकि जब भी दाम बढ़ते थे तो सरकार कोई ना कोई पॉलिसी बदलकर उसे नीचे ले आती थी.
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इसलिए देखने मिल रही है प्याज के दाम में बढ़ोत्तरी
केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी, ताकि उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज मिल सके, लेकिन इसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. किसानों को 1 रुपये से लेकर 10 रुपये किलो के दाम में प्याज बेचना पड़ा था. क्योंकि खरीफ सीजन का प्याज स्टोर नहीं किया जा सकता था, इसलिए किसानों को इसे बहुत कम दाम में बेचने पर मजबूर होना पड़ा. इसलिए लोकसभा चुनाव आते ही किसानों ने दबाव बनाया और सरकार को मई महीने की शुरुआत में पांच महीने बाद निर्यात खोलना पड़ा. फिलहाल रबी सीजन का प्याज निर्यात किया जा रहा है. यही नहीं, इसे स्टोर भी किया जा सकता है. साथ ही उत्पादन में कमी का भी अनुमान है. इसीलिए अब दाम बढ़ रहे हैं.