हरी मिर्च की फसल भारत में पैदावार होने वाली प्रमुख फसल है यह एक नगदी फसल है मिर्च का उपयोग भारत में आचार और मसाले बनाने में उपयोग किया जाता है हरी मिर्च हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि इसमें विटामिन A, C, फॉस्फोरस और कैल्शियम समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं भारत में उड़ीशा, राजस्थान और महाराष्ट्र में मिर्च की खेती की जाती है आज हम हरी मिर्च की 5 किस्मो के बारे में बताने जा रहे है
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आइये जानते है मिर्च की इन पांच किस्मो के बारे में
पूसा ज्वाला हरी मिर्च
पूसा ज्वाला हरि मिर्च की सबसे उन्नत किस्मो में से एक है इस नस्ल की खेती कर किसान एक एकड़ में 34 क्विंटल तक की बम्फर पैदावार होती है बुवाई के लगभग 130 से 150 दिनों में हरी मिर्च की यह किस्म पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की मिर्च हल्के हरे रंग की होती है |
जवाहर मिर्च-148 किस्म
जवाहर मिर्च-148 किस्म हरी मिर्च की सबसे पैदावार देने वाली उन्नत किस्मो में शामिल है किसान प्रति हेक्टेयर में इस किस्म की मिर्च की खेती करके 85 से 100 क्विंटल तक हरी मिर्च का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं इस नस्ल की मिर्ची खाने में फीकी होती है |
तेजस्वनी किस्म
किसान इस किस्म की हरी मिर्च की बुवाई के लगभग 70 से 75 दिनों बाद तुड़ाई कर सकते हैं. तेजस्वनी किस्म हरी मिर्च की खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर से लगभग 200 से 250 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं|
पंजाब लाल किस्म
पंजाब लाल किस्म की हरी मिर्च की खेती कर किसान 120 प्रति क्विंटल तक पैदावार उत्पादन कर सकते है हरी मिर्च की इस किस्म में आपको लाल रंग की मिर्च देखने को मिल जाती है| इस किस्म की मिर्च आकार में ज्यादा बड़ी नहीं होती है |
काशी अर्ली किस्म
किसान भाई काशी अर्ली किस्म की खेती कर बेहद ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते है इस नस्ल में किसान एक हेक्टर में 300 से 350 क्विंटल का उत्पादन कर सकते है | किसान काशी अर्ली किस्म हरी मिर्च की बुवाई के बाद से लगभग 45 दिनों के अंदर ही इसकी तुड़ाई कर सकते हैं