Subsidy Yojana: सिंचाई उपकरण पे किसान भाइयो को सरकार देंगी 90% की छूट, जाने क्या है पूरा मामला। किसान आज भी खेती के लिए पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बारिश पर निर्भरता ज्यादा है। इस समस्या को हल करने और किसानों को पानी की कमी से राहत देने के लिए कन्नौज जिले के उद्यान विभाग ने एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली पर 80 से 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना न केवल पानी की बचत करेगी बल्कि किसानों की उत्पादकता को भी बढ़ाएगी। आइये जाने क्या है पूरा मामला।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली कैसे काम करती है?
ड्रिप सिंचाई का मुख्य उद्देश्य पानी को पौधों की जड़ों तक सीधे पहुंचाना है। इस प्रणाली में ज़मीन के नीचे या आसपास पानी की पतली पाइपें बिछाई जाती हैं, जिनमें छोटे छेद होते हैं, जिससे पानी बूंद-बूंद करके पौधों तक पहुंचता है। इस विधि से पानी की बर्बादी नहीं होती और पौधों को आवश्यकतानुसार पानी और पोषक तत्व मिलते हैं। ड्रिप सिंचाई प्रणाली उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है जो कम पानी में अधिक उत्पादन चाहते हैं।
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स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली कैसे काम करती है?
स्प्रिंकलर सिंचाई में पानी पाइपों के माध्यम से स्प्रिंकलर तक पहुँचता है, जो इसे बारिश की तरह फसलों पर छिड़कते हैं। यह प्रणाली बड़ी जमीनों में समान रूप से पानी पहुँचाने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। स्प्रिंकलर सिस्टम ज़मीन के ऊपर या नीचे दबा रहता है, जिससे पानी की खपत कम होती है और सीधे फसलों तक पहुंचता है, जिससे वाष्पीकरण भी कम होता है। इस प्रकार, पानी का सही इस्तेमाल होता है और हर कोने तक सिंचाई हो जाती है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित अनुदान राशि प्रदान की है:
- लघु और सीमांत किसान: ड्रिप और मायको स्प्रिंकलर पर 90% सब्सिडी, और रेनगन स्प्रिंकलर पर 75% सब्सिडी।
- अन्य किसान: ड्रिप और मायको स्प्रिंकलर पर 80% सब्सिडी, और रेनगन स्प्रिंकलर पर 65% सब्सिडी।
इस योजना से छोटे और बड़े सभी किसान अपनी जमीन के हिसाब से सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। यह अनुदान राशि उन किसानों के लिए एक बड़ा सहारा है जो सिंचाई के लिए हमेशा संसाधनों की कमी का सामना करते हैं।
एक एकड़ में कितना खर्चा आएगा
किसान जो ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं, वे अपनी मेहनत और पैसे की बचत कर रहे हैं। यह तकनीक पानी की बचत करने के साथ-साथ फसल की उपज भी बढ़ाती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप ₹50,000 तक की लागत का ड्रिप या स्प्रिंकलर मशीन खरीदते हैं, तो आप 1 एकड़ जमीन की सिंचाई आसानी से कर सकते हैं। और यदि आप थोड़ा और निवेश करते हैं, तो आप 2 एकड़ तक की जमीन की भी सिंचाई कर सकते हैं। यह तरीका आपके खेत को लगातार नमी में रखता है, जिससे फसल को बेहतर विकास के लिए सही वातावरण मिलता है।
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किसानों को मिलेगी 80-90% तक की सब्सिडी
जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम पर 80 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। यह सिस्टम पौधों को जितनी आवश्यकता होती है उतना ही पानी प्रदान करता है, जिससे पानी की भारी बचत होती है। इससे किसानों को अधिक पानी की ज़रूरत नहीं होती, जिससे न केवल पानी बल्कि खाद की भी बचत होती है। इस योजना के तहत, किसान सिंचाई के खर्चे को काफी हद तक कम कर सकते हैं और उनकी फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
कैसे करें योजना के लिए आवेदन?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को जिला उद्यान कार्यालय में सीधे जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो उन्हें पानी की कमी से लड़ने और अपनी फसल उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करेगी। अगर आप भी अपने खेत में बेहतर सिंचाई चाहते हैं और उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।